बैलों से खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी: अब हर साल ₹30,000 की प्रोत्साहन राशि (ऑफलाइन आवेदन गाइड)

राजस्थान सरकार ने पारंपरिक कृषि को बढ़ावा देने और गोवंश की सुरक्षा के उद्देश्य से बैलों से खेती करने वाले लघु एवं सीमांत किसानों को प्रतिवर्ष ₹30,000 की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है। ऑनलाइन पोर्टल की तकनीकी बाधाओं को देखते हुए विभाग ने फिलहाल ऑफलाइन आवेदन स्वीकार करने का निर्णय लिया है, ताकि किसी भी पात्र किसान को लाभ से वंचित न होना पड़े। इस लेख में हम योजना की पात्रता, दस्तावेज़, आवेदन प्रक्रिया, लाभ, समय-सीमा, महत्वपूर्ण सावधानियाँ और FAQ को विस्तार से समझेंगे।



1) योजना का उद्देश्य

ग्रीन बजट की सोच के अनुरूप यह योजना तीन प्रमुख उद्देश्यों को साधती है—(i) गोवंश की सुरक्षा एवं संवर्धन; (ii) बैलों से होने वाली पर्यावरण-मित्र कृषि को प्रोत्साहन; और (iii) बैल रखने वाले लघु-सीमांत किसानों की आय-सुरक्षा. बैल आधारित जुताई से डीज़ल और रासायनिक इनपुट पर निर्भरता घटती है, जिससे लागत में कमी और मृदा स्वास्थ्य में सुधार होता है।

आर्थिक-सामाजिक लाभ

  • लघु जोत वाले किसानों के लिए वार्षिक सहायता।
  • बैल पालन की लागत की आंशिक भरपाई।
  • ग्रामीण रोज़गार और पारंपरिक कौशल का संरक्षण।

2) योजना की खास बातें (नए अपडेट सहित)

  • प्रत्येक पात्र किसान को ₹30,000 प्रतिवर्ष की प्रोत्साहन राशि।
  • फिलहाल ऑफलाइन मोड में आवेदन—नजदीकी कृषि विभाग कार्यालय पर।
  • पशु बीमा की शर्त हटाई गई; इसकी जगह स्वास्थ्य प्रमाणपत्र अनिवार्य।
  • आवेदन प्राप्ति के बाद विभाग द्वारा पोर्टल चालू होते ही ऑनलाइन अपलोड किया जाएगा।
  • लाभ DBT (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) के माध्यम से बैंक खाते में।
नोट: यदि आपके क्षेत्र में पोर्टल कार्यशील हो जाए, तो कार्यालय उसी आवेदन को ऑनलाइन प्रविष्ट कर देगा—अलग से पुन: आवेदन की आवश्यकता नहीं पड़ती।

3) पात्रता (Eligibility)

लाभ लेने के लिए किसान को निम्न शर्तें पूरी करनी होंगी:

  • किसान के पास एक जोड़ी (2 बैल) होना अनिवार्य।
  • आवेदक के नाम पर खेती योग्य भूमि का स्वामित्व (जमाबंदी/खसरा रिकॉर्ड में दर्ज)।
  • बैल की उम्र 15 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • कृषि कार्य प्रायोगिक रूप से बैलों से ही किया जा रहा हो (कार्यालय सत्यापन के समय फोटो/स्थल निरीक्षण)।
ध्यान दें: किराये/उधार के बैलों पर योजना का लाभ सामान्यतः मान्य नहीं है। बैल आपके स्वामित्व में होने चाहिए।

4) ज़रूरी दस्तावेज़ (Checklist)

पहचान/खाता संबंधित

  • आधार/जनाधार कार्ड
  • बैंक पासबुक की स्पष्ट प्रति
  • मोबाइल नंबर (सक्रिय)

भूमि/कृषि संबंधित

  • जमाबंदी/खसरा-खतोनी (ताज़ा प्रति)
  • किसान का फोटो (हाल का)
  • किसान की बैलों के साथ स्पष्ट फोटो

पशुपालन/स्वास्थ्य

  • वेटरनरी हॉस्पिटल/सरकारी पशु चिकित्सक से स्वास्थ्य प्रमाणपत्र
  • टीकाकरण/डीवर्मिंग का रिकॉर्ड (यदि उपलब्ध)
पहले पशु बीमा अनिवार्य था, पर संशोधन के बाद यह आवश्यक नहीं है।

5) चरण-दर-चरण: ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया

  1. अपने क्षेत्र के नजदीकी कृषि विभाग कार्यालय (कृषि उप निदेशक/कृषि पर्यवेक्षक) पर जाएँ।
  2. काउंटर से योजना का आवेदन पत्र प्राप्त करें। यदि उपलब्ध हो तो PDF फॉर्म भी माँगें जो बाद में पोर्टल पर अपलोड होता है।
  3. फॉर्म में व्यक्तिगत विवरण, बैंक विवरण और भूमि व बैल संबंधी जानकारी सावधानीपूर्वक भरें।
  4. उल्लेखित सभी दस्तावेज़ संलग्न करें—विशेषकर बैलों के साथ आपकी फोटो और स्वास्थ्य प्रमाणपत्र।
  5. फॉर्म जमा करते समय स्वीकृति पावती अवश्य लें और पावती नंबर सुरक्षित रखें।
  6. सत्यापन हेतु स्थल निरीक्षण हो सकता है—बैल, खेत व दस्तावेज़ मिलान।
  7. पोर्टल उपलब्ध होते ही आपका आवेदन ऑनलाइन प्रविष्ट किया जाएगा। स्टेटस अपडेट के लिए पावती नंबर/मोबाइल पर संदेश प्राप्त होगा।
  8. स्वीकृति के बाद राशि DBT के माध्यम से आपके बैंक खाते में भेज दी जाएगी।
टिप: फॉर्म भरते समय बैंक IFSC और खाता संख्या दो बार मिलान करें—DBT अस्वीकृति का सबसे बड़ा कारण विवरण में त्रुटि होता है।

नमूना फॉर्म में भरने वाले प्रमुख कॉलम

कॉलमक्या भरेंटिप्स
आवेदक का विवरणनाम, पिता/पति का नाम, गाँव, तहसील, जिलाआधार के अनुसार वर्तनी रखें
भूमि विवरणखसरा/जमाबंदी संख्या, रकबाताज़ा प्रति संलग्न करें
पशु विवरणबैल की संख्या, अनुमानित आयु, नस्लआयु 15 वर्ष से ऊपर न लिखें
बैंक विवरणखाता संख्या, IFSC, बैंक/शाखापासबुक से हूबहू कॉपी करें
घोषणानियम व शर्तें स्वीकार करने का हस्ताक्षरतारीख लिखना न भूलें

6) वेटरनरी स्वास्थ्य प्रमाणपत्र कैसे बनवाएँ?

स्वास्थ्य प्रमाणपत्र सरकारी पशु चिकित्सक या मान्य वेटरनरी हॉस्पिटल द्वारा जारी किया जाता है। प्रक्रिया निम्नानुसार रखें:

  1. नजदीकी पशु चिकित्सालय में जाएँ और योजना हेतु स्वास्थ्य प्रमाणपत्र का अनुरोध करें।
  2. बैल/जोड़ी को दिखाएँ—डॉक्टर सामान्य परीक्षण, दाँत/सींग/शरीरिक स्थिति देखकर उम्र का निर्धारण करते हैं।
  3. यदि हाल में टीकाकरण हुआ है, बुक/रिकॉर्ड साथ रखें।
  4. डॉक्टर द्वारा हस्ताक्षरित व मुहर लगा प्रमाणपत्र प्राप्त करें; उसकी एक स्कैन कॉपी भी बनवा लें।
कई कार्यालय प्रमाणपत्र की वैधता अवधि 30–60 दिन मानते हैं—आवेदन के पास-पास बनवाएँ ताकि अवधि न निकले।

7) कितने और कैसे मिलेंगे लाभ?

योजना के तहत स्वीकृत किसानों को प्रति वित्तीय वर्ष ₹30,000 की सहायता दी जाएगी। भुगतान DBT के जरिए सीधे बैंक खाते में होगा। विभाग आवश्यकता अनुसार एकमुश्त या किस्तों में राशि जारी कर सकता है।

अनुमानित उपयोग के क्षेत्र

  • बैल के लिए चारा/पोषण लागत।
  • कृषि औजारों की देख-रेख (हल, गाड़ी, जुए आदि)।
  • स्वास्थ्य व टीकाकरण संबंधी खर्च।
  • खेत जोताई/रोपाई जैसे कार्यों में संचालन व्यय।

8) समय-सीमा, सत्यापन व स्थिति ट्रैकिंग

आवेदन जमा करने के बाद सामान्यतः स्थल सत्यापन 15–30 कार्यदिवस में हो जाता है। पोर्टल सक्रिय होने पर ऑफिस आपका आवेदन अपलोड करता है और मोबाइल पर संदेश भेजता है। स्वीकृति के बाद भुगतान की अपेक्षित समय-सीमा विभागीय बजट उपलब्धता पर निर्भर करती है।

स्थिति जानने के लिए पावती नंबर, आधार या मोबाइल सहित अपने कृषि कार्यालय में संपर्क करें। कार्यालय में एंट्री/फॉरवर्डिंग तिथि लिखवा लें।

9) महत्वपूर्ण टिप्स और सामान्य गलतियाँ

  • फोटो में दोनों बैल और किसान स्पष्ट दिखें—धुंधली फोटो अस्वीकृत हो सकती है।
  • बैल की अधिकतम आयु 15 वर्ष—प्रमाणपत्र में स्पष्ट लिखवाएँ।
  • बैंक विवरण, IFSC, नाम की वर्तनी—दो बार जाँचें
  • जमाबंदी की प्रति ताज़ा संलग्न करें; खेत मालिकाना स्पष्ट हो।
  • फॉर्म जमा करते समय रसीद/पावती अवश्य लें—यही आपका रेफरेंस है।
यदि किसी बिचौलिए द्वारा अतिरिक्त शुल्क/कमीशन माँगा जाए, तो तुरंत कृषि कार्यालय/हेल्पलाइन पर शिकायत करें।

10) अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

इस योजना के तहत 30,000 रुपये कैसे मिलेंगे?

क्या पशु बीमा अनिवार्य है?

कौन-कौन पात्र हैं?

आवेदन कहाँ और कैसे करें?

क्या किराये/उधार के बैलों पर लाभ मिल सकता है?

स्वास्थ्य प्रमाणपत्र कितने दिन मान्य रहता है?

यदि मेरा आवेदन पेंडिंग दिख रहा है तो क्या करूँ?

11) प्रोत्साहन राशि का आवेदन फॉर्म कहा से प्राप्त करे ?